11 May 2020

संगीत तनाव दूर करने का बेहतरीन उपक्रमः कुलपति


रिपोर्ट:कुमकुम

अयोध्या। बेगम अख्तर अखिल भारतीय संगीत कला अकादमी तथा अभिनय कला विभाग आवासीय परिसर डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय एवं आई0ई0टी संस्थान के तकनीकी सहयोग से कोविड-19 कोरोना के योद्धाओं का उत्साहवर्धन एवं लाॅकडाउन का पालन करने वाले समस्त देशवासियों के सम्मान में दिनांक 10 मई, 2020 को ई-सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया।
    सांस्कृतिक संध्या का शुभारम्भ लखनऊ की सयाली पाण्डेय ने कोरोना वारियर्स के लिए ये हौसला कैसे झुके, ये आरजू कैसे रूके गीत गाकर उनका उत्साहवर्धन किया। साथ ही जाने क्यों आज तेरे नाम पर रोना आया गीत से श्रोताओं और दर्शकों का मनमोह लिया। लखनऊ की काजल अग्निहोत्री ने सत्यम शिवम सुन्दरम गीत गाकर सबका ध्यान आकर्षित किया। गायक आदर्श ने मधुर राम भजन सुनाया तथा कबीर की वाणी क्या तन माजता रे, एक दिन माटी में मिल जाना गाकर सबकों भावुक कर दिया। युवा कलाकर स्वास्तिक भारद्धाज ने मदर्स डे पर हे माॅ तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी गीत गाया। गोरखपुर के अनुपम मुखर्जी ने कोरोना वारियर्स के लिए एक बहुत ही सुन्दर गीत प्रस्तुत किया जिसके बोल थे जग से हारा नही, मैं खुद से हारा हॅू माॅ....माई तेरी चुनरियां लहराई। मुम्बई से युवी सिंगर जिन्होंने कई फिल्मों में गीत प्रस्तुत किये है उन्होंने इस कार्यक्रम तेरे मस्त दो नैन और जो ख्वाबों ख्यालों में गीत गाये। इसी क्रम में आकाश दूबे, नरेन्द्र सक्सेना, मुकेश दा, मुन्ना सहारा, स्नेहलता, रामपाल निषाद, पूजा निषाद, मुनीरमन श्रीवास्तव, अयोध्या घराने की शान मानस महाराज, वरूण कनौजिया, शिवेन्द्र, कौशलेन्द्र, अनिल मलहोत्रा ने भी अपनी प्रस्तुति से श्रोताओं का मनमोह लिया।

सांस्कृतिक संध्या में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने कहा कि संगीत एक ऐसी विधा है। जो हर सुनने वाला चाहे जिस बोली या भाषा को हो समझ लेता है। प्रो0 दीक्षित ने कहा कि यह कार्यक्रम एक अच्छा प्रयास है। क्योंकि संगीत तनाव को दूर करने का बेहतरीन उपक्रम है। आगे भी संगीत सभा की लम्बी श्रंखला बनाई जा सकती है। इग्लैण्ड से जुड़े पंकज पाण्डेय ने कहा कि यह कार्यक्रम अपनी माटी से जुड़ने का सर्वोत्तम प्रयास है और कुछ अंतराल पर यह होते रहना चाहिए।अमेरिका से अखिल मिश्र ने कहा कि माटी की महक ने आज हमकों जल्दी उठा दिया। क्योंकि अमेरिका और भारतीय समय में दिनरात का फर्क होता है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम देख सुनकर तनाव मुक्त हो गया। आबूधाबी से विवेक तिवारी ने कहा कि आज मातृृ दिवस के अवसर पर इस कार्यक्रम ने भारत माॅ की याद दिलाई। माॅ और भारत माॅ दोनो की याद में आॅखें नम हो गई।
इस अवसर पर बेगम अख्तर अखिल भारतीय संगीत कला अकादमी के सलाहकार सदस्य ओम प्रकाश सिंह, समन्वयक प्रो0 विनोद श्रीवास्तव, प्रो0 आरएन राय, प्रो0 चयन कुमार मिश्र, राष्ट्रीय सहारा, नई दिल्ली से वरिष्ठ पत्रकार डाॅ0 अरूण पाण्डेय, डाॅ0 रजनीश सिंह, अमित सिंह"साथी" मुम्बई से सभाजीत सिंह, डाॅ0 संजीत पाण्डेय, इं0 जैनेन्द्र इं0 अनुराग, इं0 पीयूष राय सहित अन्य उत्साहवर्धन करते रहे। तकनीकी सहयोग इंजीनियर पारितोष त्रिपाठी, इंजीनियर रमेश मिश्र, इंजीनियर विनीत सिंह को विशेष योगदान रहा। संचालन बेगम अख्तर अखिल भारतीय संगीत कला अकादमी के सलाहकार सदस्य जनार्दन पाण्डेय ने किया।

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