31 March 2023

जनसहभागिता से होगी श्रीराम वन गमन की साइकिल यात्रा:अभिषेक सावंत

अयोध्या: अपनी पौराणिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और श्रीराम मंदिर के भव्य निर्माण के साथ विश्व पटल पर स्थापित होने के लिए तैयार है। समय-समय पर न सिर्फ अयोध्या बल्कि श्रीराम वन गमन पथ से जुड़े स्थलों की खोज और प्रासंगिता के प्रचार-प्रसार के लिए शोधार्थियों का समूह राम गमन पथ पर जाता रहा है| ऐसे में अयोध्या के निवासी अयोध्या डायरी टूरिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष अभिषेक सावंत भी राम गमन पथ की ओर 06 अप्रैल दिन गुरुवार को शोध और अयोध्या के पर्यटन प्रचार-प्रसार के लिए जायेंगे| ऐतिहासिक गुरुद्वारा नजरबाग में एक पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए अभिषेक सावंत कहते हैं उनकी यात्रा  सामाजिक सहयोग से शुरू हो रही है जिसमे "मेरी यात्रा एक रुपए में अयोध्या से रामेश्वरम" अभियान से लोग उनसे जुड़ सकते है। साइकिल मोबाइल, बैग जैसे जरूरी संसाधन जनसहयोग से मुझे प्राप्त भी हो रहे हैं। वही अयोध्या की कई सामाजिक संस्थाएं भी सहयोग के लिए आगे आ रही है। अभिषेक सावंत की यह यात्रा पर्यटन और पर्यावरण जागरुकता पर केंद्रित होगी, जिसमे सावंत साइकिल से लगभग 5000 किमी की यात्रा करेंगे| सांस्कृतिक, ऐतिहासिक कला-विरासत की यह यात्रा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिल नाडु राज्यों के बीच की संस्कृति को भी अयोध्या से जोड़ने का कार्य करेगी| यात्रा के पड़ाव में पड़ रहे स्थलों पर श्रीराम जन्म भूमि की मिट्टी से जनसहयोग के माध्यम से रामायणकालीन पौधों का भी पौधरोपण किया जायेगा।

अभिषेक सावंत साक्षात्कार में बताते है कि श्री राम वन गमन की साइकिल यात्रा का उद्देश्य युवा पीढ़ी को न सिर्फ अयोध्या बल्कि राम वन गमन पथ के स्थलों से अवगत करवाना है| पर्यटन में जागरूकता के साथ पर्यावरण, नदियों का संरक्षण, कला संस्कृति का संरक्षण जैसे लक्ष्य को लेकर शैक्षणिक संस्थानों में छात्र-छात्राओं के बीच जाना है| जनसहयोग की अपेक्षा के साथ विभिन्न राज्यों से गुजरते हुए सामाजिक संस्थानों, स्वयंसेवी संगठनों, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं और लोक कलाकारों के सहयोग से शोध के नए स्वरुप को सफल बनाना है| सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यम से यात्रा वृतांत मेरे चैनल @ayodhyadiary पर व्लॉग से दिखाई जाएगी साथ ही "पहिया" नामक पुस्तक का लेखन भी किया जा रहा है | पहिया यानि की त्रेतायुग से वर्तमान कालचक्र के घटनाक्रम एवं श्रीराम वनों में जिन मार्गों से गुजरे उनके पीछे कई नयी संस्कृतियों के जन्म की खोज का वर्णन भी पुस्तक में प्रकाशित किया जायेगा।

अयोध्या नजरबाग गुरुद्वारा में पत्रकारवार्ता में गुरुद्वारा के सेवादार सरदार नवनीत सिंह कहते है कि विभिन्न संस्कृतियों को जोड़ने का कार्य युग युगांतर से शोध और लेखन के द्वारा होता रहा है। आज के भौतिक युग में जहां हर कोई केवल अपने निजी विकास को लेकर जीविकोपार्जन में लगा है। ऐसे में एक यात्रा के रूप में हमारी संस्कृति, इतिहास, धर्म और भारतीय संकृति के भविष्य को एक सूत्र में पिरोने का कार्य अभिषेक सावंत करने जा रहे है तो मुझे लगता है सभी को बढ़चढ़ कर इनका सहयोग करना चाहिए। 

कौन है अभिषेक सावंत

अभिषेक सावंत अयोध्या में 8 वर्षो से स्वतंत्र पत्रकार के रूप में कार्य कर रहे है| डॉक्टर राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के पुरातन छात्र सभा के सदस्य भी है। विगत कई वर्षों से पर्यटन के क्षेत्र में भी अयोध्या की पौराणिकता और ऐतिहासिकता को तथ्यपूर्ण जानकारियों के साथ देश-विदेश के पर्यटकों को अयोध्या भ्रमण करवाने का भी कार्य कर रहे है| बनारस की संस्था टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन अयोध्या चेप्टर के सह-संयोजक भी अभिषेक सावंत है| जिला प्रशासन के सहयोग से मॉरीशस के राष्ट्रपति, उप्र के पूर्व राज्यपाल राम नाईक, सूबे के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह और कई केंद्रीय/राज्य मंत्रियों, प्रशासनिक अधिकारियों को भी अयोध्या दर्शन करवाने का अनुभव भी सावंत के पास है।

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