निर्दल मेयर प्रत्याशी अनीता शरद पाठक बाबा को चुनाव चिन्ह शंख मिला
अयोध्या: भाजपा से बगावत शुरू करने वाले शरद पाठक बाबा की पत्नी अनीता पाठक को हिंदुत्व का प्रतीक माना जाने वाला चुनाव निशान शंख मिला है। चुनाव निशान मिलने के बाद शरद पाठक "बाबा" ने कहा कि यह शंखनाद है, अधर्म पर धर्म की विजय का।अयोध्यावासियों के समस्याओं से मुक्ति का और अयोध्या में असली भगवा लहराने का, श्री पाठक ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को झूठा, दंगाई, जातिवादी, और विकास विरोधी पार्टी बताने वाले और हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और लोकप्रिय सांसद लल्लू सिंह जी के लिए अपमान जनक टिप्पणी करने वाले व्यक्ति को आज भाजपा के ही शीर्ष नेतृत्व ने अयोध्या महापौर (मेयर) पद पर राज्याभिषेक करने की तैयारी कर ली है, लेकिन ऐसे व्यक्ति को अयोध्यावासी और भाजपा के कार्यकर्ता अयोध्या मेयर/ महापौर के पद पर कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। भाजपा से महापौर प्रत्याशी गिरीश पति त्रिपाठी जी को कांग्रेस की सरकार में विकास दिखाई देता है। यह बात त्रिपाठी जी स्वयं मानते हैं। एक वीडियो का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोगों को भ्रष्टाचारी तक बोल दिया था। यह भी कह दिया कि भाजपा की सोच विकास की नहीं है और कांग्रेस की सरकार जाने के बाद अयोध्या, उत्तर प्रदेश सब बदहाल है और आज बड़े दुख के साथ अयोध्या के भारतीय जनता पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता को और संपूर्ण भारतवर्ष के भाजपा के कार्यकर्ताओं को यह सूचित करना पड़ रहा है कि अयोध्या महापौर प्रत्याशी के लिए भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को इन्हीं का नाम सुझा है, ना जाने किन कारणों के चलते इन्हें भाजपा से अयोध्या मेयर/महापौर प्रत्याशी घोषित कर दिया गया।
बागी भाजपाई शरद पाठक बाबा ने एक कांग्रेसी विचारधारा वाले व्यक्ति को महापौर प्रत्याशी बनाए जाने के फैसले का विरोध करते हुए अपनी पत्नी अनीता शरद पाठक बाबा का नामांकन निर्दलीय कर दिया है। श्री पाठक बाबा का यह भी कहना है कि हमारी विचारधारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा है।अयोध्या में महापौर के पद के लिए भाजपा प्रत्याशी के रूप में ना ही किसी कांग्रेसी विचारधारा वाले प्रत्याशी को बर्दाश्त किया जाएगा, ना ही भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ताओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का अपमान करने वाले किसी को बर्दाश्त किया जाएगा। साथ ही विभिन्न वार्डो में पार्षद प्रत्याशियों के रूप में किसी माननीय के कृपा पात्र को भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 11 मई 2023 को मतदाता अयोध्या के हित में इसका जवाब अवश्य देंगे।
बता दें कि शरद पाठक बाबा लंबे समय से हिंदू हिंदुस्तान और हिंदुत्व की लड़ाई लड़ते रहे हैं अब ऐसे में हिंदुत्व का प्रतीक शंख चुनाव निशान मिलने पर इसे राम जी की कृपा बता रहे हैं। शरद पाठक बाबा का यही भी कहना है कि चुनाव जीतने के बाद उनकी पत्नी भाजपा की ही मेयर रहेंगी।
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