रामभक्तों की सुविधाओं का भी रखा जायेगा ध्यान, घटेगी दूरी
अयोध्या। देश के सबसे बड़े विवाद में सुप्रीम फैसला आने के बाद कवायदों और अटकलों का दौर तेज हो गया। न्यायालय के आदेशानुसार मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन चिन्हित कर ली गई और भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का भी गठन हो गया। अब इसी के साथ मंदिर निर्माण की तैयारियां भी तेज हो गई, जिसको लेकर शासन से लेकर प्रशासन की गतिविधियां भी रामनगरी में बढ़ गई। इसी बीच भव्य मंदिर निर्माण के दौरान रामलला सुरक्षित और भक्तों के करीब रखने के साथ-साथ दर्शन के लिए प्रवेश और निकासी मार्ग के लिए नया खाका खींचने की भी कवायद शुरू हो गई।
बता दें कि हाल ही में राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष निपेंद्र मिश्रा ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ अधिग्रहीत परिसर और मंदिर निर्माण कार्यशाला का बारीकी से निरीक्षण किया, साथ ही मंदिर निर्माण के दौरान रामलला को शिफ्ट करने से लेकर अन्य महत्वपूर्ण बातों पर मंथन भी किया, साथ ही इस बात पर भी मंथन किया गया कि अस्थाई मंदिर में भगवान को विराजमान करने के लिए दिव्य और भव्य गर्भगृह बनाया जाए। लेकिन मंदिर निर्माण कार्य में श्रद्धालु बाधा ना बने, साथ ही श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन में भी कोई असुविधा भी ना हो।
सूत्रों की माने तो फाइवर के बुलेटप्रूफ मंदिर में रामलला को शिफ्ट करने की तैयारी शुरू हो गई है। साथ ही कुछ इस तरह की व्यवस्था बनाने की तैयारी की जा रही है कि श्रद्धालुओं को रामलला तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना ना करना पड़े, साथ ही रामलला की सुरक्षा में भी कोई कमी ना रह जाए।
सूत्रों की माने तो परिसर में प्रवेश करते ही दाएं तरफ बने चबूतरे को तोड़कर इसी मार्ग पर बने बिना प्रयोग वाले पुराने भवनों को काटकर बीच से श्रद्धालुओं को रास्ता दिया जा सकता है, जिससे श्रद्धालु आसानी से अस्थाई मंदिर में रामलला का दर्शन कर सके, इसके लिए एक गैलरी बनाने की भी योजना बन रही है। साथ ही रामलला की सुरक्षा में को ध्यान में रखते हुए 10 फीट की दूरी से ही रामलला के दर्शन कराए जाएंगे।
कुल मिलाकर अगर कहा जाए तो प्रशासन कुछ इस तरह से की तैयारी में जुटा है कि श्रद्धालुओं और रामलला के बीच की दूरियां भी ना बढ़े, सुरक्षा व्यवस्था भी चाक-चौबंद रहे और इसके साथ-साथ राम मंदिर निर्माण में कोई व्यवधान भी न पड़े।
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