इंटरस्टेट गैंग का खुलासा कर वाहवाही लूटने वाली पटरंगा पुलिस को उस समय बड़ा झटका तब लगा जब रिमांड मजिस्ट्रेट ने गैंग के दोनों तथाकथित सदस्यों का रिमांड लेने से मना करते हुये उन्हें रिहा कर दिया।
हुआ यूं कि बीते दिनों थाना पटरंगा क्षेत्र में बैंक ऑफ बड़ौदा का एटीएम काटकर चोरी का प्रयास हुआ, हालांकि चोर अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके। इस वारदात के बाद पुलिस पर घटना का खुलासा करने का दबाव पड़ने लगा अंततः पटरंगा पुलिस ने अपनी पीठ थपथपाने के लिये जल्दबाजी में रविवार को खुलासा कर दिया और दोनों कथित आरोपियों की गिरफ्तारी का दावा करते हुये उनके पास से कार और मोबाइल सहित अन्य सामानों की भी बरामदगी दिखायी।
अब आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है, दरअसल बीते 9 फरवरी की रात थाना पटरंगा के हाईवे पर बैंक ऑफ बड़ौदा का एटीएम काटकर चोरी का प्रयास हुआ था। लेकिन चोर कामयाब ना हो सके और मौके से फरार हो गए। अब इसी घटना का खुलासा करते हुए क्राइम ब्रांच और पटरंगा पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया, साथ ही उनके पास से फॉक्सवैगन कार, 2 मोबाइल, दो बेलचा, एक छोटा सिलेंडर, एक बेलनाकार सिलेंडर व गैस कटर मशीन भी बरामदगी भी दिखाई और पुलिस ने गैंग के तीन शातिर चोर का फरार होना भी बताया। जिसके लिए अपनी पीठ थपथपाते हुए प्रेस कांफ्रेंस भी आयोजित कर खुद का गुणगान करते हुए पटरंगा पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम ने पटरंगा के असरफपुर गंगरैला के पास से गिरफ्तारी दिखाई।
बता दें की तथाकथित एक चोर हरियाणा का और दूसरा दिल्ली का रहने वाला है, लेकिन पुलिस को तब बड़ा झटका लगा जब रिमांड मजिस्ट्रेट ने गैंग के दोनों तथाकथित सदस्यों का रिमांड नही लिया और रिहा कर दिया। सूत्रों की ओर से मिली जानकारी के अनुसार आरोपियों के अधिवक्ता संतोष कुमार राय ने धारा 167 के तहत रिमांड को चैलेंज किया था, विवेचक ने धारा 41A का अनुपालन नही कराया था।जानकारों की मानें तो धारा 511 और 379 के तहत गिरफ्तारी नही होती। शायद इसी चुप के चलते हैं पेटीएम काटकर लूट करने वाले गिरोह के दोनों आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद भी रिहा हो गए। अब इसे पुलिस की चूक कहें या फिर कानूनी दांव पेच लेकिन हाल-फिलहाल एटीएम काटकर चोरी का प्रयास करने वाले चोर आज भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है।
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