अयोध्या। कोरोना वायरस महामारी से लोग सुरक्षित रह सकें, इसके लिये लागू लॉकडाउन का पालन कराने के लिये लगे पुलिसकर्मियों को उस समय असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। जब पुलिस के रोकने पर कुछ किन्नर समाज के लोग अभद्रता करने लगे।
मामला अयोध्या जनपद के चौक क्षेत्र का है, जहां पर तैनात सुरक्षाकर्मी आने-जाने वालों से पूछताछ कर रहे थे कि इसी दौरान एक चार पहिया वाहन में सवार कुछ किन्नर वहां से गुजरने लगे, तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक लिया और पूछताछ करने लगे। इस पर वह किन्नर भड़क गये और पुलिसकर्मियों से अभद्रता करने लगे। आखिरकार किन्नरों की अश्लीलता के आगे पुलिस को नतमस्तक होना पड़ा और बिना पूछताछ के ही उन्हें जाने दिया गया।
ज्ञातव्य हो कि कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंकाओं को देखते लोगों को घरों में रहने की सलाह दी जा रही है, तो वहीं सड़क पर बेवजह घूमने वालों पर पुलिस निगाह रख रही है। ताकि लॉकडाउन मकसद पूरा हो सके। अब सवाल इस बात का उठता है कि जिस बीमारी से निपटने के लिए पूरे देश में लाकडाउन घोषित किया गया है, ऐसे में बिना किसी पहचान के एक कार में 5 से 6 लोग सवार होकर कहां जा रहे हैं और कहां से आ रहे हैं, किस-किस से मिलकर आ रहे हैं? किसी बात की पूछताछ के लिए जब पुलिस ने रोका तो किन्नरों की अश्लीलता के आगे पुलिस को नतमस्तक होना पड़ा और बिना पूछताछ के ही जाने दिया गया। यदि इनमें से कोई कोरोनावायरस के चपेट में हुआ तो संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है। आखिर ऐसे ही लोग आते-जाते रहेंगे तो फिर लॉकडाउन का मतलब ही क्या होगा? ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंकाओं के बीच जो पुलिसकर्मी दिनरात अपनी ड्यूटी कर रहे है, ताकि लोग सुरक्षित रह सके, लेकिन यदि जनमानस ही सिस्टम का सहयोग नहीं करेगा, तो लॉकडाउन की सार्थकता कैसे सिद्ध होगी? समाज से हर व्यक्ति को सोचने की जरूरत है कि यदि कोरोना वायरस जैसी महामारी के खिलाफ विजय पाना है, तो सभी को एक दूसरे का सहयोग करते हुये नियमों का पालन करना ही पड़ेगा।
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